स्वरचित कविता
मेरा विद्यालय
हम बच्चे इस विद्यालय के इसकी शान बढ़ाएंगे, अपने गुरुजनों का सपना हम पूरा कर दिखलाएंगे। इस
उपवन की डाल-डाल पर नए रंग बिखरआएंगे, हम बच्चे इस विद्यालय के इसकी शान बढ़ाएंगे।
इस विद्यालय ने हमको दिए कई अवसर आगे बढ़ने के,
लेकर आए ओलंपियाड, स्कॉलरशिप और हॉबी क्लासेस एक बस्ते में,
जब-जब इस बस्ते में हाथ डालकर हमने कुछ निकाला है,
हर वस्तु ने हम को गौरवान्वित कर डाला है ।
नई उर्जा, नहीं विद्या का हमको दिया ज्ञान है,
इस विद्यालय ने हमको समझाया हमारा हर काम है ।
हम बच्चे इस विद्यालय के इसकी शान बढ़ाएंगे।
किताबों का भंडार यहां है ,
बड़े-बड़े मैदान यहां है,
चाहे खेलो बास्केटबॉल या वॉलीबॉल ,
हर खेल के संबंध का ज्ञान यहां है,
जीवन में आगे बढ़ने के हर साधन यहां है,
अपनी किस्मत खुद लिखने का आत्मविश्वास यहां है ,
गर्व है मुझे कि मैं इस विद्यालय का एक अंश हूं, इस विद्यालय की प्रतिष्ठा का मान बढॎऊंगा मैं,
अपने गुरुजनों का हर सपना पूरा कर दिखाऊंगा